
देश की तीनों सेनाओं ने जब मिलकर एक ही थाली में खाया, तो रणनीति की रसोई में पके ऑपरेशन सिंदूर का जायका कुछ और ही निकला। दिल्ली में तीन दिन के ‘सीरियस मंथन’ में सभी आर्मी कमांडर जुटे — और पहली बार वायुसेना और नौसेना प्रमुख भी इस टेबल पर शामिल हुए। युद्ध की संभावनाओं से लेकर शांति की टिक-टिक तक, सब कुछ इस रणनीतिक सम्मेलन में पकाया गया।
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ज्वाइंट ऑपरेशन का फोकस: हवा से समंदर और ज़मीन तक एक ताल
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए. पी. सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने भी अपने अनुभव साझा किए। मौका था तो सबने बोला, लेकिन बात वही थी — “तीनों सेनाएं एक साथ, तो कोई दुश्मन हाथ में न आए।”
अधिकारियों को यह समझाया गया कि आने वाले युद्ध अब ‘वन आर्मी शो’ नहीं होंगे — अब ज़मीन पर टैंक चलेगा, तभी हवा में लड़ाकू विमान कहेंगे, “Copy that!”
मंथन 3.0: दिल्ली में चल रही है ‘सर्जिकल स्ट्राइक ऑफ आइडियाज़’
7 जुलाई से 9 जुलाई तक चल रही यह बैठक दिखने में एक सामान्य मीटिंग हो सकती है, लेकिन असल में यह युद्ध पूर्व रणनीति का ब्लूप्रिंट है। सेना के सातों कमांडर एक ही टेबल पर। और पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश — शांति चाहिए तो चुप रहिए, नहीं तो ऑपरेशन सिंदूर अभी रुका नहीं है।
वेस्टर्न बॉर्डर पर फुल ऑन प्रैक्टिस: युद्ध नहीं हुआ, पर तैयारी बुलेट लेवल की!
दिल्ली में चाय-स्ट्रेटेजी चल रही है और वेस्टर्न बॉर्डर पर रॉकेट-लॉन्चर। साउदर्न कमांड ने राजस्थान की रेत में टैंकों से टक्कर दी और ग्रैड, पिनाका, बीएमपी सब कुछ टेस्ट कर डाला।
वहीं वेस्टर्न कमांड ने गगन विजय नामक अभ्यास में आर्म्ड ड्रोन से ऐसा हमला किया, जैसे दुश्मन की आंखें खुली रह जाएं और बोल पड़े, “भाई माफ करो!”
ड्रोन बनाम ड्रामा: युद्ध का भविष्य तैयार, और ड्रोन है सुपरस्टार!
आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार की मौजूदगी में आर्म्ड ड्रोन ने दिखाया कि अब लड़ाई सिर्फ हथियारों से नहीं, टेक्नोलॉजी से भी जीती जाएगी। ड्रोन ने ऐसी ‘धमाकेदार एंट्री’ मारी कि लग रहा था अगली बॉलीवुड फिल्म का नाम होगा “Drones of Duty”।
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